आठवीं विधानसभा के दूसरे सत्र के समापन के बाद माननीय अध्यक्ष श्री विजेंद्र गुप्ता की प्रेस कॉन्फ्रेंस

आठवीं विधानसभा के दूसरे सत्र के समापन के बाद माननीय अध्यक्ष श्री विजेंद्र गुप्ता की प्रेस कॉन्फ्रेंस

विधानसभा

 

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली

 

03 अप्रैल 2025

 

आठवीं विधानसभा के दूसरे सत्र के समापन के बाद माननीय अध्यक्ष श्री विजेंद्र गुप्ता की प्रेस कॉन्फ्रेंस

 

प्रिय मित्रों,

 

आठवीं विधानसभा के दूसरे सत्र के समापन के बाद आयोजित इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में आप सभी का मैं हार्दिक स्वागत करता हूँ। आप जानते हैं कि विधान सभा का दूसरा सत्र 24 मार्च 2025 को शुरू हुआ था और कल 02 अप्रैल 2025 को सदन अनिश्चित काल तक के लिए स्थगित कर दिया गया। सदन की कुल 07 बैठके हुईं। इन 07 बैठकों के दौरान सदन की कार्यवाही 27 घंटे 56 मिनट तक चली। इस दौरान वार्षिक बजट पेश किया गया और पास किया गया, सीएजी की 06 रिपोर्ट पेश की गई और कई अन्य महत्त्वपूर्ण कार्य निपटाए गए। लम्बित कार्य निपटाने के लिए सदन की बैठकें दो दिन अर्थात 01 और 02 अप्रैल 2025 तक बढ़ाई गई।

 

मैं इस सत्र के दौरान किए गए महत्वपूर्ण कार्यों के बारे में आपको संक्षेप में बताना चाहता हूँ।

 

वार्षिक बजट

 

माननीय मुख्यमंत्री ने 25 मार्च 2025 को वार्षिक बजट पेश किया। एक लाख करोड़ रुपये का ऐतिहासिक बजट पेश करने के लिए मैं दिल्ली सरकार की सराहना करता हूँ। इस बजट का उद्देश्य निकट भविष्य में दिल्ली का सर्वांगीण विकास करना है। 26 और 27 मार्च 2025 को बजट पर 07 घंटे 13 मिनट तक चर्चा हुई और 36 सदस्यों ने बजट पर चर्चा में भाग लिया, जो अपने आप में उल्लेखनीय है। यह बजट पर चर्चा के लिए समर्पित सबसे लंबी अवधि थी तथा इसमें अधिकतम सदस्यों ने भाग लिया। जैसा कि मैंने पहले भी कहा था, मैंने सभी सदस्यों को अपने विचार व्यक्त करने के लिए सदन में पूरा समय दिया। खास बात यह है कि विपक्ष के सदस्यों को सदन में उनकी आनुपातिक संख्या से अधिक समय दिया गया। माननीय नेता प्रतिपक्ष जितनी देर तक बोलना चाहती थीं, उनको बोलने के लिए उतना समय दिया गया। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया कि उनके भाषण में व्यवधान पैदा न हो। जबकि पिछली विधान सभा के दौरान नेता प्रतिपक्ष को सीमित समय मिलता था और तत्कालीन सत्तारूढ दल द्वारा विपक्ष के भाषणों को बाधित करने के सामूहिक प्रयास किये जाते थे।

 

प्रश्न काल

 

लंबे अंतराल के बाद, सदन में प्रश्न काल शुरू किया गया, जो कार्यपालिका की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए विधायिका का एक महत्वपूर्ण अंग है। सचिवालय को प्रश्नों के 384 नोटिस मिले। इनमें से 80 को तारांकित और 282 को अतारांकित प्रश्नों के रूप में स्वीकार किया गया। नियमों के अनुसार 20 प्रश्नों को अस्वीकार कर दिया गया और 02 प्रश्नों को एक साथ जोड़ दिया गया। 80 तारांकित प्रश्नों में से 28 प्रश्नों और 66 अनुपूरक प्रश्नों (Supplementary Questions) के उत्तर माननीय मंत्रियों ने सदन में दिए।

 

28 मार्च 2025 को मैंने इस बारे में निर्देश दिए थे कि अब से ‘आरक्षित विषयों’ (Reserved Subjects) से संबंधित प्रश्नों के नोटिस को उनकी विषय-वस्तु को ध्यान में रखते हुए, केस-टू-केस आधार पर स्वीकार किया जाएगा। जो प्रश्न उकसाने वाले और प्रक्रिया का दुरुपयोग करते प्रतीत होंगे, उन्हें स्वीकार नहीं किया जाएगा। वर्ष 2023 में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार ‘सेवाओं’ (Services) का विषय, अब ‘आरक्षित विषय’ नहीं है। इसलिए अब इनसे संबंधित प्रश्नों को स्वीकार किया जाएगा और उनका उत्तर दिया जाएगा।

 

विशेष उल्लेख (नियम-280)

 

सचिवालय को नियम-280 के तहत विशेष उल्लेख के लिए 267 नोटिस प्राप्त हुए। इनमें से 78 मामले सदन में उठाए गए।

 

इस बारे में, मैं यह बताना चाहूंगा कि मैंने उन नोटिस को अस्वीकार कर दिया था, जो संगठित व्यवधान पैदा करने के इरादे से और सदन की भावनाओं को ठेस पहुंचाने तथा परेशान करने के लिए दिए गए थे। विपक्षी सदस्यों ने सदन में विवाद करने और कार्यवाही में व्यवधान पैदा करने के लिए, जानबूझकर एक जैसे विषयों पर समान नोटिस दिए। दिल्ली विधानसभा में विशेष उल्लेख के संबंध में राज्यसभा के नियमों का पालन किया जाता है। राज्यसभा नियमों के नियम 180 बी (ii) के अनुसार, यह प्रावधान किया गया है कि विशेष उल्लेख का विषय किसी ऐसे मामले से संबंधित नहीं होगा, जो मुख्य रूप से सरकार से संबंधित विषय नहीं है। इसके अलावा, नियम 180 बी (iii) के अनुसार यह किसी ऐसे मामले से संबंधित नहीं होगा, जो सत्र में पहले ही चर्चा किए जा चुके मामले के समान हो। इसलिए, मैंने सचिवालय को निर्देश दिया था कि ऐसे मामलों को अनुमति न दी जाए, जो दोहराए गए हों या जो संगठित व्यवधान पैदा करने का प्रयास हों।

 

सी.ए.जी. रिपोर्ट

 

तत्कालीन दिल्ली सरकार के वर्ष 2021-2022 और 2022-2023 के वित्त खाते और विनियोग खाते तथा दिल्ली परिवहन निगम और वाहन प्रदूषण पर माननीय मुख्यमंत्री ने सी.ए.जी. की 06 रिपोर्ट सदन के पटल पर प्रस्तुत की। 26 सदस्यों ने इन रिपोर्टों पर चर्चा में भाग लिया। चर्चा 05 घंटे 32 मिनट तक चली।

 

दुर्भाग्य से, विपक्षी सदस्यों ने इन चर्चाओं में भाग नहीं लिया। मुझे लगता है कि उन्होंने इन रिपोर्टों पर अपने विचार प्रकट करने का एक अच्छा मौका खो दिया, जिन रिपोर्टों को उन्होंने कई वर्षों तक दबा कर रखा था।

 

लोक लेखा समिति (पीएसी) और सरकारी उपक्रमों संबंधी समिति (सीओजीयू) का गठन किया जा चुका है और मुझे उम्मीद है कि समितियां रिपोटों की गहन जांच करने के बाद तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश कर देंगी।

 

यहां मैं आपको यह भी बताना चाहूंगा कि मैंने दिल्ली सरकार के वित्त विभाग से ‘ऑडिट पैरा मॉनिटरिंग सिस्टम पोर्टल’ को तुरंत लागू करने के लिए कहा है ताकि सी.ए.जी. के पैराज पर कार्रवाई की टिप्पणियों Action Taken Notes की प्रभावी ढंग से निगरानी की जा सके।

 

समितियों के समक्ष लंबित मामलों को आगे न बढ़ाने का प्रस्ताव

 

पिछली अर्थात सातवीं विधानसभा ने 04 दिसंबर 2024 को आयोजित अपनी बैठक में, इस बारे में तीन प्रस्ताव पारित किये थे कि, विशेषाधिकार समिति, याचिका समिति और प्रश्न एवं संदर्भ समिति के अधूरे कार्यों की जांच आठवीं विधानसभा की संबंधित समितियों द्वारा नियम-183 के तहत की जाए। मैंने इन समितियों के समक्ष सभी लंबित मामलों की जांच की और इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि इन मामलों को आगे नहीं बढ़ाया जाना चाहिए था। अधिकांश शिकायतें तत्कालीन सत्तारूढ़ दल के सदस्यों द्वारा दिल्ली सरकार के अधिकारियों के खिलाफ दर्ज की गई थीं। यदि शिकायतें वास्तविक थीं तो समितियों को इन मामलों की बिना किसी देरी के जांच करनी चाहिए थी और सदन को रिपोर्ट देनी चाहिए थी। इसके विपरीत इन समितियों के समक्ष कुछ मामले कई वर्षों तक लंबित रहे और उनकी जांच के लिए कोई बैठक नहीं हुई। 27 मार्च 2025 को श्री अभय वर्मा, माननीय मुख्य सचेतक ने इन मामलों को आगे न बढ़ाने के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जिसे सदन ने स्वीकार कर लिया। इस कदम से न केवल दिल्ली सरकार के प्रभावित अधिकारियों को राहत मिलेगी बल्कि अनावश्यक मुकदमों पर भी रोक लगेगी। इस निर्णय से हमने यह कड़ा संदेश दिया है कि विधानसभा और इसकी समितियों का उपयोग ईमानदार और मेहनती अधिकारियों को निशाना बनाने के लिए नहीं किया जाएगा, जो सिर्फ अपना काम कर रहे थे।

 

प्रस्ताव (नियम-107)

 

सदन ने माननीय सदस्यों के साथ कार्यरत डेटा एंट्री ऑपरेटरों के संबंध में श्री सूर्य प्रकाश खत्री द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव पर चर्चा की। सदस्यों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए, मैंने सदस्यों के वेतन, भत्ते और सुविधाओं के मुद्दों पर विचार करने के लिए माननीय मुख्य सचेतक श्री अभय वर्मा की अध्यक्षता में पांच सदस्यों की एक समिति गठित की है।

 

ध्यानाकर्षण (नियम-54)

 

सदन ने 01 अप्रैल 2025 को दिल्ली के कुछ हिस्सों में कथित रूप से लगातार बिजली कटौती के संबंध में ध्यानाकर्षण के नोटिस पर विचार किया गया। विपक्ष के माननीय सदस्य श्री कुलदीप कुमार ने इस संबंध में नोटिस दिया था लेकिन जब इस विषय पर सदन में विचार किया गया, उस समय श्री कुलदीप कुमार सदन में मौजूद ही नहीं थे। इसके अलावा विपक्ष के अन्य सदस्य भी सदन से नदारद थे। इसके बावजूद, इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि जनता के सामने इस संबंध में सही तस्वीर पेश की जानी चाहिए, मैंने सदन में ध्यानाकर्षण को विचार के लिए लिया। कुल 08 सदस्यों ने 58 मिनट तक अपने विचार व्यक्त किए और माननीय मंत्री श्री आशीष सूद ने अपना विस्तृत वक्तव्य दिया।

अल्पकालिक चर्चा (नियम-55)

 

सदन में दिनांक 01 और 02 अप्रैल 2025 को दिल्ली में पानी की कमी, जलभराव, सीवरेज अवरुद्ध होने और नालों की सफाई के मुद्दे पर चर्चा की। 02 सदस्यों ने इस चर्चा में भाग लिया और 52 मिनट तक चर्चा हुई तथा माननीय मंत्री श्री प्रवेश वर्मा ने उत्तर दिया।

 

गैर-सरकारी सदस्यों के संकल्प (नियम-89)

 

28 मार्च 2025 को सदन ने श्री अशोक गोयल द्वारा प्रस्तुत निम्नलिखित संकल्प को स्वीकार कियाः

 

यह सदन संकल्प करता है कि नई गौशालाओं का निर्माण किया जाए और आवारा पशुओं और गायों के लिए मौजूदा गौशालाओं का उचित रखरखाव सुनिश्चित किया जाए।”

 

श्री मोहन सिंह बिष्ट, माननीय उपाध्यक्ष और श्री संजीव झा द्वारा दिए गए संकल्प के नोटिस समाप्त हो गए क्योंकि उन्होंने संकल्प प्रस्तुत नहीं किए।

 

इस संकल्प पर चर्चा में 08 सदस्यों ने भाग लिया और 44 मिनट तक चर्चा हुई तथा माननीय मंत्री श्री आशीष सूद ने चर्चा का उत्तर दिया।

 

मित्रों, अब मैं आपका ध्यान कुछ ऐसे कार्यक्रमों की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ जो सत्र के कार्य का हिस्सा नहीं थे।

 

प्रबोधन कार्यक्रम

 

18 और 19 मार्च 2025 को हमने लोकसभा सचिवालय के सहयोग से सदस्यों के लिए प्रबोधन कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया। लोकसभा के माननीय अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने मुख्य अतिथि के रूप में उद्घाटन सत्र की शोभा बढ़ाई। माननीय मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता भी इस अवसर पर उपस्थित रहीं। हम माननीय सदस्यों को विधायी परम्पराओं और प्रक्रियाओं के ज्ञान से अवगत कराने के लिए इस तरह के कई कार्यक्रमों का आयोजन भविष्य में भी करेंगे। इससे सदन में उनकी कार्य दक्षता में सुधार होगा और चर्चाओं की गुणवत्ता भी बढेगी।

नेवा (राष्ट्रीय ई विधान एप्लीकेशन) का कार्यान्वयन

 

जैसा कि मैंने आपको पहले सत्र के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सूचित किया था, हमने दिल्ली विधानसभा में नेवा को लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि सदस्यों और अधिकारियों के लिए मॉड्यूल के अलावा हम मीडिया डेस्क भी स्थापित करेंगे। शुरुआत में, हम समाचारों के तेजी से प्रसार के लिए मीडिया कर्मियों के उपयोग के लिए इंटरनेट और प्रिंटिंग सुविधा वाले 25 कंप्यूटर लगाएंगे।

 

सौर ऊर्जा

 

मैंने विधानसभा परिसर में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए 100 दिनों का लक्ष्य रखा है ताकि विधानसभा परिसर पूरी तरह से सौर ऊर्जा से संचालित हो सकें। वर्तमान में 100 किलोवाट क्षमता वाले दो सौर ऊर्जा संयंत्र हैं। हमारी कुल ऊर्जा आवश्यकता लगभग 600 किलोवाट है और इसलिए स्थापित क्षमता को बढ़ाया जाएगा ताकि हमारी ऊर्जा की जरूरतें पूरी तरह से सौर ऊर्जा से पूरी हो सकें। संयंत्र छतों और खाली खुली जगहों पर लगाए जाएंगे।

 

मित्रों, मेरा यह प्रयास रहेगा कि दिल्ली विधानसभा को उन्नत प्रौद्योगिकी के साथ-साथ गुणात्मक कार्यप्रणाली के मामले में भी एक ‘आदर्श विधानसभा’ के रूप में विकसित किया जाए। विधानसभा और इसकी समितियों में होने वाली बहस और चर्चा का मुख्य बिन्दु दिल्ली की विभिन्न समस्याओं का सकारात्मक तरीके से समाधान करने पर केंद्रित होना चाहिए। साथ ही विधानसभा परिसर का उपयोग हमारी समृद्ध परंपरा के सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक पहलुओं को बढ़ावा देने के लिए बेहतरीन कार्यक्रमों की मेजबानी के लिए किया जाएगा।

 

धन्यवाद !

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