जंगपुरा में चला दिल्ली सरकार का पीला पंजा

स्थान: जंगपुरा
रिपोर्ट: अपूर्व गुप्ता

जंगपुरा में चला दिल्ली सरकार का पीला पंजा

हाईकोर्ट के आदेश के बाद गिराई गई मद्रासी कैम्प की झुग्गियां

मद्रासी कैंप में बुलडोजर की कार्रवाई, सैकड़ों झुग्गियों पर चला प्रशासन का डंडा

स्थान: जंगपुरा
रिपोर्ट: अपूर्व गुप्ता
जंगपुरा में चला दिल्ली सरकार का पीला पंजा
हाईकोर्ट के आदेश के बाद गिराई गई मद्रासी कैम्प की झुग्गियां
मद्रासी कैंप में बुलडोजर की कार्रवाई, सैकड़ों झुग्गियों पर चला प्रशासन का डंडा
दिल्ली के दक्षिणी पूर्व के जंगपुरा विधानसभा क्षेत्र में स्थित मद्रासी कैंप में mप्रशासन ने बुलडोजर की कार्रवाई शुरू की। यह कार्रवाई दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर की जा रही है। बारापुला नाले के पास बसे कैंप में करीब 300 से अधिक झुग्गियों को हटाया गया
बुलडोजर की कार्रवाई के दौरान भारी संख्या में RAF, अर्धसैनिक बल और दिल्ली पुलिस के जवान मौके पर तैनात रहे ताकि किसी भी तरीके से माहौल खराब ना हो और करवाई सही से की जा सके प्रशासन ने बताया कि इस इलाके में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई लंबे समय से प्रस्तावित थी, जिसे अब अदालत के आदेश के बाद अंजाम दिया जा रहा है।

दिल्ली के दक्षिणी पूर्व के जंगपुरा विधानसभा क्षेत्र में स्थित मद्रासी कैंप में mप्रशासन ने बुलडोजर की कार्रवाई शुरू की। यह कार्रवाई दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर की जा रही है। बारापुला नाले के पास बसे कैंप में करीब 300 से अधिक झुग्गियों को हटाया गया

बुलडोजर की कार्रवाई के दौरान भारी संख्या में RAF, अर्धसैनिक बल और दिल्ली पुलिस के जवान मौके पर तैनात रहे ताकि किसी भी तरीके से माहौल खराब ना हो और करवाई सही से की जा सके प्रशासन ने बताया कि इस इलाके में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई लंबे समय से प्रस्तावित थी, जिसे अब अदालत के आदेश के बाद अंजाम दिया जा रहा है।

हालांकि, इस कार्रवाई के चलते मद्रासी कैंप में रह रहे सैकड़ों लोगों के सामने अब सिर छुपाने की समस्या खड़ी हो गई है। प्रशासन की ओर से 189 लोगों को पुनर्वास के लिए पक्के मकान दिए गए हैं, लेकिन बाकी परिवारों को कोई ठोस विकल्प नहीं दिया गया है ऐसा लोगो ने आरोप लगाया है ।

स्थानीय लोगों का कहना है कि मद्रासी कैंप में 300 से अधिक झुग्गियां हैं और यहां कई वर्षों से लोग रह रहे हैं। ऐसे में सिर्फ 189 लोगों को मकान मिलना अन्य लोगों के साथ अन्याय है। कई महिलाओं ने रोते हुए कहा कि उनके पास अब कोई ठिकाना नहीं बचा। “हमने अपने बच्चों को पाल-पोस कर यहीं बड़ा किया, अब हमारा आशियाना छीन लिया गया, हम कहां जाएंगे?।

तो वहीं कुछ लोगों ने कहा कि जिन लोगों को मकान दिए गए हैं वह भी नरेला जैसे इलाके में दिए गए हैं जो यहां से काफी दूर पड़ता है जो मकान एलॉट किए गए हैं उसमें भी पूरी तरीके से तमाम सुविधाएं नहीं है ।
-स्थानीय निवासी

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *