नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में भारतीय ज्ञान प्रणाली पर महाकुंभ होगा। इसे लेकर जेएनयू में अगले माह जुलाई में पहली बार तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन होने जा रहा है, जिसमें अलग-अलग क्षेत्रों के दिग्गज जुटेंगे। सम्मेलन में भारतीय ज्ञान प्रणालियों की विरासत और चुनौतियों पर चर्चा होगी।सम्मेलन का आयोजन 10 से 12 जुलाई तक होगा। जानकारी के अनुसार, इस शैक्षणिक सम्मेलन का उद्देश्य भारतीय ज्ञान प्रणालियों के साथ गंभीर शैक्षणिक जुड़ाव को बढ़ावा देकर चुनौतियों का समाधान करना है। सम्मेलन में शोध की प्रस्तुति होगी। साथ ही यह सम्मेलन अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान करेगा, जिससे विद्वानों का एक समुदाय तैयार हो सके।एक अधिकारी के मुताबिक, सम्मेलन वरिष्ठ शिक्षाविदों के योगदान से भारतीय ज्ञान प्रणाली शोधकर्ताओं की अगली पीढ़ी का पोषण करने की आकांक्षा रखता है। इसका उद्देश्य शिक्षा, उद्योग, सरकार और नागरिक समाज के हितधारकों के बीच सहयोग के अवसर पैदा करना है। साथ ही शोध और विविध नेटवर्क को बढ़ावा देने के माध्यम से सम्मेलन वैश्विक शैक्षणिक परिदृश्य में भारतीय ज्ञान प्रणाली के लिए ठोस बौद्धिक आधार स्थापित करने की उम्मीद करता है।

उन्होंने बताया कि भारतीय ज्ञान प्रणालियां हजारों वर्ष समय से विकसित एक विशाल और समृद्ध बौद्धिक परंपरा का प्रतिनिधित्व करती हैं, जिसमें मानव ज्ञान की प्रकृति, इंजीनियरिंग विज्ञान और प्राकृतिक दुनिया जैसे क्षेत्र शामिल हैं। यह प्रणालियां मानवीय समझ, प्रकृति और ज्ञान की खोज प्रदान करती हैं। इसके बारे में लोग ज्यादा नहीं जानते हैं। इसकी वजह समकालीन ज्ञान प्रणालियों को आकार देने में यूरोपीय सांस्कृतिक अनुभवों के प्रभुत्व के कारण उनके मूल्य को अक्सर कम आंका गया। उसी के मद्देनजर शैक्षणिक सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।