बिना ट्रायल लागू नियम से पहले दिन पेट्रोल पंपों पर आई तकनीकी दिक्कतें, जनता ने उठाए सवाल

राजधानी में प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने एक जुलाई से तय उम्र सीमा पूरी कर चुके वाहनों को ईंधन देने पर प्रतिबंध लगा दिया है। पेट्रोल पंप पर ईधन लेने पहुंचे लोगों ने कैमरे और साउंड सिस्टम समेत अन्य तकनीकी खामियां नजर आने पर बिना ट्रायल लागू इस नियम पर सवाल भी उठाए। हालांकि 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल और 10 साल से अधिक पुराने डीजल के 20 से 25 वाहनों को मंगलवार को जब्त भी किया गया। इस नियम से राज्यों के बॉर्डर पर स्थित राजधानी के पेट्रोल पंपों पर ईंधन बिक्री में गिरावट की बात भी सामने आई है। दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन (डीपीडीए) के अध्यक्ष निश्चल सिंघानिया ने बताया कि राजधानी में 400 के करीब पेट्रोल पंप हैं। इनमें से कई पेट्रोल पंपों पर अभी साउंड नहीं लग पाया है। ऐसे में स्पीकर से अनाउंसमेंट नहीं हो पा रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित जो कैमरे लगाए गए हैं वे दिल्ली परिवहन विभाग के डेटाबेस से लिंक हैं।

 

ओवरएज वाहन की नंबर प्लेट स्कैन करते ही पेट्रोल पंप पर लगे स्पीकर पर अलार्म बजता है। साथ ही स्पीकर पर बताया जाता है कि वाहन उम्र पूरी कर चुका है। यह सूचना ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट को भी चली जाती है। स्पीकर नहीं लगा होने से कई पेट्रोल पंपों पर दिक्कत आई। निश्चल सिंघानिया ने बताया कि गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम और फरीदाबाद के पास दिल्ली सीमा में जो भी पेट्रोल पंप हैं। उनपर पेट्रोल व डीजल की बिक्री में गिरावट दर्ज की गई है। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि पुराने वाहन गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम और फरीदाबाद से पेट्रोल व डीजल ले रहे हैं। हालांकि इस साल एक नवंबर से इन जिलों में भी पुराने वाहनों को ईंधन देने पर प्रतिबंध लग जाएगा।

बिना ट्रायल लागू नियम से पहले दिन पेट्रोल पंपों पर आई तकनीकी दिक्कतें, जनता ने उठाए सवाल

पहली बार जब्त हुआ वाहन तो मिलेगा छुड़ाने का मौका…..

परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उम्र पूरी कर चुके वाहन को यदि को पहली बार जब्त किया गया है तो उसे छुड़ाया जा सकता है लेकिन उसके लिए वाहन मालिक को जुर्माना भरने के साथ विभाग को शपथ पत्र देना होगा। दूसरी बार पकड़े जाने पर वाहन स्क्रैप कर दिया जाएगा।

अधिकारियों ने बताया कि ऐसे वाहन जो पहली बार जब्त किए गए हैं उन्हें 21 दिन के भीतर वाहन मालिक बाइक छुड़ाने के लिए 5000 रुपये और कार छुड़ाने के लिए 10000 रुपये का जुर्माना देकर ले जा सकते हैं। दूसरे राज्यों में पंजीकृत ऐसे वाहन जब्त कर लिए जाएंगे। 10 हजार रुपये का जुर्माना देने के साथ वाहन लाने का कारण भी बताना होगा।

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