84 लाख की मर्सिडीज बेंज को इस शख्स ने 2.5 लाख में बेचा, वजह जान आप भी जाएंगे हैरान 

  • 84 लाख की मर्सिडीज बेंज को इस शख्स ने 2.5 लाख में बेचा, वजह जान आप भी जाएंगे हैरान

    84 लाख की मर्सिडीज बेंज को इस शख्स ने 2.5 लाख में बेचा, वजह जान आप भी जाएंगे हैरान

नई दिल्लीः मर्सिडीज-बेंज…नाम सुनते ही रुतबे, लग्जरी और सपना पूरा होने की तस्वीर सामने आ जाती है। लेकिन अगर आपने मेहनत से कमाई कर 84 लाख रुपये की कार खरीदी हो और कुछ ही सालों में उसे सिर्फ 2.5 लाख रुपये में बेचना पड़े, तो यह किसी झटके से कम नहीं।

दिल्ली के निवासी वरुण विज को इसी कड़वे अनुभव से गुजरना पड़ा, जब दिल्ली सरकार के 1 जुलाई 2025 से लागू नए वाहन नियम की वजह से उन्हें अपनी मर्सिडीज-बेंज ML350 बेहद कम कीमत पर बेचनी पड़ी।

दिल्ली सरकार का नया नियम क्या है?

दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने फैसला लिया है कि:

10 साल से पुराने डीजल वाहनों

और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों

को अब दिल्ली में ईंधन (पेट्रोल/डीजल) नहीं मिलेगा।

यह आदेश वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के आधार पर लागू किया गया है।

इसका उद्देश्य है – प्रदूषण को नियंत्रित करना और राजधानी की हवा को सांस लेने लायक बनाना।

10 साल पुरानी मर्सिडीज बेचनी पड़ी – वरुण विज की कहानी

वरुण विज ने वर्ष 2015 में अपनी पहली लग्जरी कार – मर्सिडीज-बेंज ML350 खरीदी थी। यह उनके जीवन की एक खास उपलब्धि थी। इस कार से उनकी कई यादें जुड़ी थीं — विशेष रूप से जब वह अपने बेटे को हर हफ्ते हॉस्टल से लाने जाते थे।

विज बताते हैं कि उनकी कार आज भी बेहतरीन स्थिति में थी, और सिर्फ 1.35 लाख किलोमीटर चली थी। न तो इंजन में कोई खराबी थी, न ही बॉडी में कोई दिक्कत। केवल नियमित टायर बदलवाना और सर्विसिंग हुई थी।

लेकिन 10 साल पूरे हो जाने के कारण अब यह कार दिल्ली में नियम के तहत “अवैध” हो गई, क्योंकि वह डीजल से चलती थी। न रजिस्ट्रेशन रिन्यू हो सकता था, न ईंधन मिलेगा।

आखिरकार, उन्होंने मजबूरी में अपनी 84 लाख रुपये की मर्सिडीज को सिर्फ 2.5 लाख रुपये में बेचा। उन्होंने बताया कि इतनी कम कीमत पर भी इसे कोई खरीदने को तैयार नहीं था।

नई कार, नया समाधान – इलेक्ट्रिक वाहन की ओर रुख

नियम के कारण निराश होकर वरुण विज ने अब 62 लाख रुपये की इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदी है। उनका कहना है कि अब वह चाहते हैं कि यह कार 20 साल तक चले, अगर सरकार ने फिर कोई नई पॉलिसी लागू न कर दी तो।

उन्होंने बताया कि आज कई लोग उन्हें कॉल कर रहे हैं — वो भी वही स्थिति झेल रहे हैं। लोगों में भ्रम और बेचैनी का माहौल है क्योंकि न तो सभी को स्क्रैपिंग की जानकारी है और न ही दूसरा विकल्प।

इस फैसले से कितने लोग प्रभावित होंगे?

दिल्ली में ऐसे करीब 62 लाख वाहन हैं जो इस नियम के दायरे में आ सकते हैं।

इनमें से बड़ी संख्या में गाड़ियाँ अब रजिस्ट्रेशन के लिए अयोग्य होंगी।

सरकार का कहना है कि पुराने वाहन स्क्रैप करने पर इंसेंटिव, और नई गाड़ियों पर छूट मिल सकती है, लेकिन अधिकतर लोग अभी इस प्रक्रिया से अनभिज्ञ या असहज हैं।

क्या है विकल्प?

स्क्रैपिंग पॉलिसी के तहत वाहन खत्म कर इंसेंटिव लें CNG या EV में कन्वर्जन (कुछ मामलों में) अन्य राज्य में ट्रांसफर (जहां नियम लागू नहीं हैं)नई इलेक्ट्रिक या BS6 गाड़ी खरीदें

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